Shri Hanuman Ji Ki Aarti

श्री हनुमान जी की आरती ( Shri Hanuman Ji Ki Aarti ) दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम श्री हनुमान जी की आरती को जानेगे ,  दोस्तों श्री हनुमान जी की आरती को मंगलवार को , शनिवार की पूजा पर , रामायण पाठ के बाद तथा श्री हनुमान जी की पूजा के समय इस आरती को किया जाता है , और वैसे भी जब भी हम किसी भगवान् की पूजा करते है तो आरती करना पूजा का बहुत बड़ा अंग है और मेरे हिसाब से बिना आरती और शान्तिपाठ किये कोई पूजा कैसे पूर्ण हो सकती है 

दोस्तों जब भी आप श्री हनुमान जी की पूजा करे तो आरती जरुर करे , आरती करने के लिए आप एक प्लेट में दीप जलाये (अगर अगरबत्ती जला सकते है तो उसको भी जलाये ) , दीप के आस पास पुष्प सजाकर रखे और फिर छोटी घंटी है तो उसको बजाते हुवे निचे दी हुई आरती को गए (अगर घंटी नहीं है तो ताली बजाते हुए आरती करे ) और भगवान् श्री हनुमान जी की मूर्ति या फोटो की आरती उतारे । Hanuman ji ki aarti lyrics in Hindi

Shri Hanuman Ji Ki Aarti - श्री हनुमान जी की आरती

आरती हनुमान  जी की

आरती कीजै हनुमान लला की , दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।

जाके बल से गिरिवर कांपे , रोग दोष जाके निकट न झाँके ।

 

अंजनी पुत्र महा बलदाई , संतन के प्रभु सदा सहाई ।

दे बीड़ा रघुनाथ पठाये , लंका जारि सिया सुधि लाये ।

लंका सो कोट समुद्र - सी खाई , जात पवन सुत बार न लाई ।

लंका जारि असुर संहारे , सिया राम जी के काज संवारे ।

 

लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे , आनि संजीवन प्राण उबारे  ।

पैठि पाताल तोरि जम - कारे , अहिरावण के भुजा उखारे  ।

बाई भुजा असुर दल मारे , दाई भुजा सन्त जन तारे  ।

सुर - नर मुनि जन आरती उतारें , जय जय जय हनुमान उचारे  ।

 

कंचन थार कपूर लौ छाई , आरती करत अंजना माई  ।

जो हनुमानजी की आरती गावै , बसि बैकुण्ठ परम पद पावै  ।

लंका विध्वंस किये रघुराई , तुलसीदास प्रभु कीरति गाई  ।

आरती कीजै हनुमान लला की , दुष्ट दलन रघुनाथ कला की  ।

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Shri Hanuman Ji Ki Aarti

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Shri Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics in English

Aarti Hanuman Ji Ki 

Aarti keeje hanuman lalaa ki, Dusht dalan raghunath kala ki

Jake bal se girivar kape , Rog dhosh jake nikat na jhake

 

Anjani putra maha baldai, Santan ke prabhu sada sahai

De beera raghunath pathaye, Lanka jari siya sudhi laye

Lanka so kot samudar si khai, Jat pawansut dwar na layi

Lanka jari asur sanhare, Siyaramji ke kaaj shaware

 

Laxman murchit pade sakare, Aani sanjeevan pran ubare

Paithi patal tori jam-kare, Aahiravan ki bhuja ukhare

Baye bhuja asurdal mare, Dahine bhuja santjan tare

Sur nar munijan aarti utare,Jai jai jai hanuman uchare

 

Kanchan thar kapor lau chayi, Aarti karat anjana mai

Jo hanuman ji ki aarti gave, Basi baykunth param pad pave

Lanka vidhvans kiye raghuraai, tuslidas prabhu kirati gaai

Aarti keeje hanuman lalaa ki, Dusht dalan raghunath kala ki

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चालीसा श्री हनुमान चालीसा  (Shri Hanuman Chalisa)

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