Akbar Birbal Story Sona Ya Insaaf in Hindi

दोस्तों आज हम अकबर बीरबल की एक कहानी अकबर और बीरबल की कहानी सोना या इंसाफ  (Akbar Birbal Story Sona Ya Insaaf in Hindi) आपके सस्थ शेयर करने जा रहे हैं। दोस्तों जैसा की आप सब जानते ही होंगे की अकबर और बीरबल के किस्से काफी मशहूर है, अकबर हर बार कोई अजीब सा प्रश्न पूछता है और बीरबल बड़ी ही सूझ बुझ के साथ ऐसा उत्तर देते है की उससे अकबर क्या सब कोई चोंक जाता है पर जवाब को समझ कर सब बीरबल के दिमाक और सुजबुझ की सब वाहवाही करते है और इस तरह के अकबर और बीरबल की कहानी - किस्से सुनकर , पढ़कर हमें भी मजेदार कहानी के आलावा  काफी कुछ सिखने और समझने का अवसर मिलता है।

आज इसी तरह की एक अकबर और बीरबल की कहानी (Akbar Birbal Story in Hindi) आपके सामने ले कर आये है, जिससे हमें जर्रूर ही कुछ सिखने को मिलेगा , इससे पहले की हम अकबर और बीरबल की कहानी शुरु करे है ये बताते हुवे खुशी है की इस कहानी को श्री उमेश बाली जी ने HindiMai.com के साथ शेयर करी है। हमारी पूरी टीम इनके इस सहयोग के लिए उनका दिल से धन्यवाद करती है उमीद है ही आप सब लोगो का भी ये अकबर बीरबल की कहानी जरुर पसंद आएगी। Akbar Birbal Story in Hindi

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Akbar Birbal Story Sona Ya Insaaf in Hindi

अकबर और बीरबल की कहानी सोना या इंसाफ (Akbar Birbal Story Sona Ya Insaaf in Hindi)

एक बार शहंशाह अकबर अपने दरबार में बैठे थे , दरबार में सभी मंत्री ,सलाहकार और बीरबल आदि सभी थे शहंशाह अकबर ने बीरबल की तरफ देखा और अकबर ने मन ही मन में सोंचा की आज बीरबल से कुछ ऐसा सवाल पुछु की बीरबल उसका जवाब न दे पाए , हर बार तो बीरबल मेरे सारे कठिन से कठिन प्रश्न का उत्तर बड़ी ही आसानी से दे देता है ।

शहंशाह अकबर ने बीरबल से पूछा की "बीरबल अगर मैं तुम्हे सोने के एक सिक्के और इंसाफ में से किसी एक को चुनने को कहूं, तो तुम किसे चुनोगे " ?

यह सवाल सुनकर दरबार में उपस्थित मंत्री और सब लोग काफी खुश हो गए, वे सोचने लगे की आज इस कठिन से सवाल का जवाब बीरबल कैसे देंगे और अगर कोई जवाब देते है जो शहंशाह अकबर को पसंद नहीं आया तो बीरबल , शहंशाह अकबर की नजरो में निचे हो जायेंगे ।

परन्तु ये क्या शहंशाह अकबर ने जैसे ही सवाल पूछा बीरबल ने एक पल को सोचा और उत्तर दिया "हुजूर मैं सोने के सिक्के को चुनूंगा"।
शहंशाह अकबर को हैरानी हुई, वे बोले, " क्या ? तुम इंसाफ की बजाय सोने के सिक्के को चुनना चाहोगे ? बीरबल बोले, "जी हाँ जहाँपनाह" ! अकबर बैचैन हो गए - " अगर ये जवाब कोई अनपढ़ देता तो मुझे दुःख नहीं होता लेकिन तुमसे ऐसा जवाब शर्मनाक है " !

बाकी दरबारी यह देखकर रोमांचित हो उठे कि किस प्रकार बीरबल ने अपनी कब्र स्वयं खोद ली है। वे आपस में बोले , "बेवकूफ है ! ऐसा करके इसने ठीक नहीं किया अब शहंशाह अकबर दिखायेंगे कि वह क्या है" !
बीरबल मुस्कुराया और बोला, " जहाँपनाह मुझे सिर्फ वही चाहिए जो मेरे पास नहीं है। आपके राज्य में न्याय की कोई कमी नहीं है। इसलिए मैं वह क्यों चाहूँ जो पहले ही भरपूर मात्रा में है। लेकिन दूसरी तरफ मुझे धन का आभाव है! इस लिए मैंने सोने के सिक्के को चुनना पसंद किया "। यह सुनकर शहंशाह अकबर बहुत प्रसन्न हुए और बोले - " इस जवाब के लिए तुम्हें एक नहीं बल्कि एक हजार सोने के सिक्के मिलेंगे " ! बीरबल ने ख़ुशी ख़ुशी इनाम स्वीकार किया जबकि बाकी दरबारी ईर्ष्या से देखते रह गए।
सीख़: हमें अपनी बुद्धिमानी का पूरा प्रयोग करके निर्णय लेना चाहिए।

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